राखी का त्यौहार – रेशम की डोरी सा लगता,भाई बहन का प्यार,आया राखी का त्यौहार।
बहना रोली भाई चंदन,
इक वर्षा ऋतु दूजा सावन।
सूरज चंदा जैसा लगता,
भाई बहन का प्यार,
आया राखी का त्यौहार।
बहना छवि भाई है दर्पण,
इक पूजा दूजा है अर्पण।
वेद ऋचाओं जैसा लगता,
भाई बहन का प्यार,
आया राखी का त्यौहार।
बहन भक्ति है भाई उर है,
इक मूरत दूजा मंदिर है।
रामायण गीता सा लगता,
भाई बहन का प्यार,
आया राखी का त्यौहार। …….. …………..
गीतकार- अनिल भारद्वाज एडवोकेट उच्च न्यायालय ग्वालियर