ज़िले के युवाओं को व्यवसायिक खेती के गुर सिखा कर बनाया जायेगा कृषि उधमी
धौलपुर। ग्रामीण युवाओं का पलायन रोकने और युवाओं मे कषि आधारित उधमिता विकास के लिए आकांक्षी जिला धौलपुर मे युवाओं को गांवों के प्रति आकर्षित करने और उन्हें गांवों में ही अपना कृषिपरक रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से नाबार्ड द्वारा धौलपुर ज़िले के लिए एक पायलट परियोजना को स्वीकृति मिली है। जिसको मंजरी फ़ाउंडेशन के माध्यम से चलाया जाएगा। आज जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल नें इस प्रोजेक्ट का स्वीकृति पत्र मंजरी फाउंडेशन को सौपा ।इस मौके पर जिला कलेक्टर नें कहा कि भारतीय कृषि में सार्थक व प्रभावशाली बदलाव लाने में ग्रामीण युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। वर्तमान में भारत की 35 प्रतिशत आबादी 15 से 35 वर्ष के बीच की है जिसमें से 75 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों से है। लेकिन कृषि मे बढ़ती लागत मूल्य, उत्पाद के बेहतर मूल्य न मिल पाना एवं मूल्यसंवर्द्धन एवं प्रसंस्करण की कमी भी बड़ी चुनौती है। आज खेती किसानी में मेहनत ज्यादा होने और लगातार जोत कम होने के कारण ग्रामीण युवा आज अन्य व्यवसायों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। आज आवश्यकता है कि कृषि में पुनः युवाओं की रुचि जागृत की जाए और इसको लाभप्रद बनाने के लिए इनमें उधमिता का विकास किया जाए। जिसके लिए ये प्रोजेक्ट बहुत ही कारगर साबित होगा।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक राजेश कुमार मीणा ने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से मंजरी फाउंडेशन द्वारा इरा प्रोजेक्ट धौलपुर के बाड़ी, सरमथुरा, धौलपुर और सैपऊ क्षेत्र मे संचालित होगा। इस योजना के तहत मुख्य रूप से बकरी पालन, मुर्गी पालन, मसाला प्रसंसकरण, मधुमक्खी पालन, डेयरी, शहद, आयल मिल वर्मीकम्पोस्ट, नर्सरी आदि स्थापित करने के लिए 250 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर बैंको से जोड़ा जायेगा और ये सभी उधमी युवा ज़िले के 25000 अन्य लोगो की कृषि आधारित आजीविका को बढ़ाने का काम करेंगे द्य इस तरह का ये देश मे पहला प्रोजेक्ट होगा द्य जिसके लिए धौलपुर जिले का चयन किया गया है। मंजरी फाउंडेशन के टीम लीडर सुबोध गुप्ता नें बताया कि इरा प्रोजेक्ट का पूरा नाम इनकरेजिंग रूरल यूथ टू एग्रीकल्चर और एग्रो इंटरप्रान रशिप है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के 18 से 35 वर्ष की आयु के 250 युवाओं को कृषि की तरफ आकर्षित करने और उन्हें कृषि में अधिक अवसर प्रदान करना है। इस परियोजना के माध्यम से ज़िले के 250 युवाओं को कृषि के गुर सिखाये जाएंगे तथा व्यवसायिक खेती के मॉडल बना कर युवाओं को कृषि, पशुपालन, मधुमख्खी पालन, सब्जी उत्पादन, प्रसंस्करण एवं मार्केटिंग से जोड़ा जाएगा।

अनुराग बघेल ( पत्रकार )
धौलपुर राजस्थान
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