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स्ट्रीट चिल्ड्रन नीति की पालना सुनिश्चित करें सभी विभाग – एडीजे सुनीता मीना

धौलपुर l माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन सुओ मोटो रिट पिटीशन 06/2020 में पारित निर्णय के अनुसार सड़क पर रहने वाले बच्चो (चिल्ड्रन इन स्ट्रीट सिचुएशन – सिस) को संरक्षण प्रदान कर समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इस सम्बंध में रालसा जयपुर के आदेशानुसार जिला कलेक्टर धौलपुर के निर्देश पर प्रयत्न संस्था और बाल अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन गुरुवार के नगर परिषद धौलपुर के सभागार में किया गया। कार्यशाला में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण संशोधन अधिनियम 2019 के विषय मे प्रशिक्षण सत्र का भी आयोजन किया गया।मुख्यातिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एडीजे सुनीता मीना ने माननीय उच्चतम न्यायालय और रालसा जयपुर के आदेशों के बारे में जानकारी दी और स्ट्रीट चिल्ड्रन के अधिकारों के संरक्षण में शिक्षा विभाग,बाल अधिकारिता विभाग, श्रम विभाग,चिकित्सा विभाग, स्थानीय निकाय, पंचायती राज विभाग आदि के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की व्याख्या की। विशिष्ट अतिथि न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के सदस्य अधिवक्ता गिरीश गुर्जर ने बाल कल्याण समिति की भूमिका और ट्रेक द मिसिंग चाइल्ड पोर्टल के बारे बताया। कार्यशाला में प्रयत्न संस्था के एडवोकेसी ऑफिसर राकेश तिवारी द्वारा पोक्सो एक्ट और उसमें वर्ष 2019 में हुए संशोधनों पर प्रशिक्षण सत्र को संबोधित किया। सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग विश्व देव पांडेय द्वारा स्ट्रीट चिल्ड्रन पर प्रस्तावित राज्यनीति 2022, माननीय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली द्वारा जारी स्टेंडर्ड ऑपरेटिव प्रोसीजर 2020, बाल स्वराज (सिस) पोर्टल सहित स्ट्रीट चिल्ड्रन के विषय पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अब तक 9 स्ट्रीट चिल्ड्रन बच्चों का पुनर्वास कराया जा चुका है।कार्यशाला में जिला आबकारी अधिकारी घनश्याम शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक अरविंद शर्मा, डिप्टी सीएमएचओ चेतराम मीना, आयुक्त नगर परिषद संतराम मक्कर, सरपंच सखवारा मुकेश राणा, सहायक निदेशक शिक्षा विभाग जगदीश जैन, विशेष किशोर पुलिस इकाई से भंवरसिंह एस आई, एएचटीयू से योगेंद्र सिंह, सभी पुलिस थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी (एएसआई), श्रम विभाग से संजीव गुप्ता, प्रयत्न संस्था से रजनी जैन, रीना त्यागी चाइल्डलाइन से सरनाम सिंह, भीकम सिंह, वीपी सिंह, जनसाहस से नरेन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे।

कौन हैं स्ट्रीट चिल्ड्रन
प्रस्तावित राज्यनीति के अनुसार सड़क/बस स्टैंड/फ़्लाईओवर के नीचे बिना माता पिता/अभिभावक के रहने वाले बच्चे, माता/पिता/अभिभावक से साथ सड़क पर रहने वाले बच्चे, बेघर, परित्यक्त, गुमशुदा, भीख मांगने वाले, कचरा बीनने वाले, फुटकर में सामान बेचने/कार्य करने वाले, करतब दिखाने वाले, सड़क पर नशा करने वाले, सड़क के समीप अनैतिक कार्याे में लिप्त आदि बच्चे इसमें शामिल हैं।

ऐसे होगा पुर्नवास
ऐसे बच्च को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकेगा, जो जेजे एक्ट,बाल श्रम अधिनियम आदि के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही का निर्दश देगी। साथ ही ऐसे बच्चों के आधार कार्ड, जनाधार कार्ड बनवाया जाना, स्कूल में अनिवार्य प्रवेश, राज्य एवं केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाना आदि कार्यवाहियां भी अंतर्विभागीय समन्वय से प्राथमिकता के आधार पर की जावेंगी। नगरीय निकाय और पंचायती विभाग को ऐसे हॉटस्पॉट्स के चिन्हीकरण, सर्वे कर बाल कल्याण समिति और डालसा को उपलब्ध कराने के निर्देश भी कार्यशाला में दिए गए।

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