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एसएमसी व एसडीएमसी की एकदिवसीय क्षमता संबर्धन कार्यशाला आयोजित

धौलपुर। राज्य परियोजना निदेशक महोदय स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर के प्राप्त निर्देशानुसार मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कृष्णा कुमारी, एडीपीसी मुकेश कुमार गर्ग के निर्देशन में सीबीईओ दाऊदयाल शर्मा के मुख्य आतिथ्य एवं प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाड़ी हरिओम सिंह सिकरवार की अध्यक्षता में एसएमसी एवं एसडीएमसी की एक दिवसीय क्षमता संबर्धन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ। केआरपी मास्टर ट्रैनर के रूप व्याख्याता भगवान सिंह मीना एवं कार्यक्रम अधिकारी सुरेश भारद्वाज रहे। सीबीईओ दाऊदयाल शर्मा ने सभी संस्था प्रधानों को डोनेट टू स्कूल के माध्यम से ज्ञान संकल्प पोर्टल पर दान करने,आरकेएसएमबीके, स्मार्ट क्लास रूम,पुस्तकालय की किताब वितरण,डीबीटी बाउचर सहित अन्य के क्रियान्वयन के निर्देश दिए। एसीबीईओ कल्याण सिंह मीना ने हरित विद्यालय स्वच्छ विद्यालय, जनाधार ऑथेंटिकेशन सहित अन्य कार्यों को पूर्ण कर यूसी जमा करने की बात कही। प्रधानाचार्य हरिओम सिंह सिकरवार ने लाइब्रेरी में किताबों का उपयोग कैसे करें सहित कम्युनिटी के जुड़ाव पर अपने अनुभव साझा किए। मास्टर ट्रैनर भगवान सिंह मीणा ने एसडीएमसी व एसएमसी के माध्यम के द्वारा विद्यालय विकास की विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं के बारे में विस्तृत जानकारी देकर गतिविधियों सहित पीपीटी आधारित प्रशिक्षण दिया। उन्होंने सामुदायिक गतिशीलता,बालिका शिक्षा, नवाचारी शिक्षा सहित विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उच्च माध्यमिक विद्यालयों से 3-3 श्रेष्ठ एसएमसी,एसडीएमसी का चयन किया जाना है तथा एक दिवसीय कार्यशाला में विद्यालय विकास योजना के कार्यों की समीक्षा की जानी हैं। जिससे सामुदायिक गतिविधि के लिए वित्तीय प्रावधान स्वीकृत किया जा सके। सर्वश्रेष्ठ ब्लॉक स्तरीय कमेटी द्वारा चयनित केवल उच्च माध्यमिक विद्यालयों 3 एसएमसी व 3 श्रेष्ठ एसडीएमसी के नाम मय विद्यालय सहित भिजवाने के निर्देश प्राप्त हुए है।

विद्यालय की एसएमसी,एसडीएमसी के समस्त सदस्यों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विद्यालय स्तर पर तथा प्राप्त मॉडयूल के आधार पर ब्लॉक केआरपी द्वारा विद्यालय स्तर पर सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाकर प्रशिक्षण की सूचना करें। जिससे कि विद्यालय के प्रबंधन एवं विकास कार्यो में सदस्यों की सक्रिय भागीदारी एवं जुडाव बढ़ाया जा सके। इस अवसर पर प्रधानाचार्य सीताराम मीणा,राजेन्द्र शर्मा ,राजेन्द्र बघेला,भगवान दास शर्मा,विष्णु शर्मा,द्वारिका प्रसाद,विष्णु मीणा,
रामनिवास,राजकुमार जादौन,ओमवती सहित अन्य संस्था प्रधान ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम जुलाई-अगस्त माह में होने चाहिए ताकि परीक्षा के समय में व्यवधान न होने पाए।

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