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नवाचार कार्यक्रमो की व्यापक मॉनीटरिंग करें विभागीय अधिकारी – जिला कलक्टर

धौलपुर ।जिला प्रशासन द्वारा जिले में विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे नवाचारों की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन जिला कलक्टर अनिल कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में किया गया। बैठक के दौरान जिले में चल रहे ’सुपोषित बचपन’ अभियान के बारे में अवगत करवाते हुए उप निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग ने कहा कि जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों से छूटे लगभग 1 लाख 26 हजार बच्चों का सर्वे करवाकर स्क्रीनिंग कार्य करवाया गया। जिसमे 2818 बच्चे विभिन्न रोगों से ग्रस्त पाए गए जिनमें से 2809 का उपचार किया जा चुका है। कुपोषित पाए 415 एवं अतिकुपोषित 95 बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र की सेवाओं से जोड़ा गया। 15 बच्चे हृदय रोग से पीड़ित थे जिनमे से 8 का अपरेशन हो चुका है तथा 7 उपचाराधीन है। 11 बच्चे के कटे होठ व कटे तालू के 9 बच्चों का अपरेशन का हुआ है। एक बच्चें की न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट सर्जरी भी करवाई गई है। ’सुशिक्षित बचपन’ कार्यक्रम के बारे में एडीपीसी मुकेश कुमार गर्ग ने अवगत करवाते हुए कहा जिले के समस्त राजकीय, निजी विद्यालयो स्कूली विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास हेतु सुशिक्षित बचपन कार्यक्रम के अन्तर्गत स्कूली विद्यार्थियों में प्रार्थना सभा व सह शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से सुशिक्षित बचपन की अवधारणा को विकसित किया जाना है। आज के युग में जब समाज का हर तबका सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया व मोबाइल के रंगीन जाल में उलझा हुआ है वही इस अवधारणा के अन्तर्गत नैतिक शिक्षा,जीवन मूल्य व विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास होगा। इस अवधारणा के अन्तर्गत विद्यालयों में पुस्तकालय का नियमित उपयोग, प्रार्थना सभा को प्रभावी बनाना हर शनिवार को नो बेग डे मनाया जाना विभिन्न महापुरुषों की जयंती आयोजन से पूर्व तैयारी कराना प्रार्थना सभा में समाचार पत्रों के माध्यम से देश विदेशी खबरें सुनाया जाना विद्यालय प्रागण में आदर्श वाक्य लेखन करवाया जाना, विद्यालय में संचालित स्काउट गाइड एनएसएस, एनसीसी यूथ क्लब ईको क्लब को क्रियाशील करना आदि गतिविधियों को समाहित किया गया है। ’सुरक्षित बचपन’ कार्यक्रम के बारे में जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने अवगत करवाया की इस नवाचार के अंतर्गत प्रत्येक शनिवार को बच्चों को बाल नशा मुक्ति, पोक्सो, बाल श्रम बाल विवाह उन्मूलन, बाल अधिकार, गुड टच बेड टच, चिरंजीवी, पालनहार, फ्लैगशिप योजनाएं, नैतिक शिक्षा, मानव मूल्य और संस्कार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से विधिक जागरूकता, मैस्टुअल हाइजीन, तनाव प्रबंधन काउंसिल जैसे विषयों पर आधारित गतिविधियां शामिल कर जागरूक करने का कार्य किया जाएगा। चाइल्ड राइट्स क्लब्स की बैठकों में भी ये मुद्दे शामिल किए जाएंगे। जिला कलक्टर ने सभी विभागो के अधिकारियों को नवाचार कार्यक्रमो की अवधारणा की व्यापक मॉनिटरिंग हेतु निर्देशित किया है। बैठक के दौरान उप निदेशक आईसीडीएस भूपेश गर्ग, एडीपीसी मुकेश गर्ग, डीआरसीएचओ डा.शिव कुमार शर्मा,सहायक निदेशक सामाजिक अधिकारिता विभाग दीपेंद्र सिंह शेखावत सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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