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सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में राज्य कर्मचारियों का 2 अगस्त को जिलों में प्रदर्शन व 11 अगस्त को प्रदेश व्यापी रैली

प्सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में राज्य कर्मचारियों का 2 अगस्त को जिलों में प्रदर्शन व 11 अगस्त को प्रदेश व्यापी रैली

सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में राज्य कर्मचारियों का 2 अगस्त को जिलों में प्रदर्शन व 11 अगस्त को प्रदेश व्यापी रैली

धौलपुर/जयपुर। कांग्रेस के जन घोषणा पत्र 2018 में राज्य कर्मचारियों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने के विरोध में प्रदेश के राज्य कर्मचारी 2 अगस्त से प्रदेश व्यापी आंदोलन का आगाज करेंगे। यह जानकारी अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने प्रदेश महासमिति की बैठक में दी। राठौड़ ने बताया कि आन्दोलन के प्रथम चरण में 2 अगस्त को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने-प्रदर्शन के कार्यक्रम आयोजित कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम के ज्ञापन सौंपे जाएंगे तथा दूसरे चरण में 11 अगस्त को जयपुर में प्रदेशव्यापी रैली का आयोजन किया जाएगा ।राठौड़ ने कहा कि सरकार ने जन घोषणा पत्र 2018 में राज्य कर्मचारियों से वेतन विसंगतियों को दूर करने का वादा किया था। लेकिन आज तक अपने उस वादे को पूरा नहीं किया है। जबकि वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए श्री डी सी सामंत की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति निवारण समिति और श्री खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति परीक्षण समिति की रिपोर्ट सरकार के पास है। राठौड़ ने मुख्यमंत्री से कर्मचारी हित में वेतन संशोधन की रिपोर्ट को शीघ्र सार्वजनिक करने की मांग की है।
तथा संविदा कर्मियों सहित अन्य सभी अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने का भी वादा किया गया था । लेकिन इस वादे को भी सरकार ने पूरा नहीं किया है। राठौड़ ने कहा कि सरकार ने संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करने के बजाय संविदाकरण कर दिया है। उन्होंने नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों का जिक्र करते हुए कहा कि इनकी योग्यता व कार्य समान होते हुए भी इनके मानदेय में बड़ा अंतर है। राठौड़ ने कहा कि सरकार ने अब तक जिन संविदा कर्मियों को नियमित करने की कार्यवाही की है। उनके वेतनमान भी नियमित कर्मचारियों के वेतनमानों से काफी कम है। इससे संविदा कर्मियों में काफी आक्रोश है।
राठौड़ ने कुछ अन्य लंम्बित मांगों के भी आदेश शीघ्र जारी कराने की मुख्यमंत्री से मांग की है।
चयनित वेतनमान (एसीपी) का परिलाभ 9, 18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8, 16 , 24 व 32 वर्ष पर पदोन्नति पद के समान दिया जावे। तृतीय श्रेणी अध्यापकों के स्थानांतरण खोले जावें तथा सभी कर्मचारियों के लिए एक स्पष्ट एवं पारदर्शी स्थानांतरण नीति बनाई जावें । अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिवस से बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक जोड़ने के आदेश जारी किए जाएं ।अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग को सचिवालय कर्मियों के समान पदोन्नति एवं वेतन भत्ते दिए जावे तथा द्वितीय पदोन्नति ग्रेड पे 4200 पर सुनिश्चित की जावे। निविदा एवं संविदा पर लगे कार्मिकों का न्यूनतम पारिश्रमिक ₹18000 तय किया जाए तथा बजट घोषणा 2023 के अनुसार ठेका प्रथा समाप्त कर राज्य के सभी निविदा/ ठेका एवं प्लेसमेंट एजेंसियों के मार्फत लगे कार्मिकों को आर एल एस डी सी के माध्यम से सीधे वेतन देने के आदेश प्रदान किए जावें।राजस्थान परिवहन निगम को सरकार के विभाग के रूप में समाहित किया जावे। एमटीएस का पद सृजित कर सहायक कर्मचारियों को उसमें समायोजित किया जावे तथा इनका प्रारंभिक वेतन ₹18000 निर्धारित किया जावे। सत्र 2009 -10 से पातेय वेतन पर पदस्थापित वरिष्ठ अध्यापक एवं प्रधानाध्यापक ग्रेड सेकंड को ऐडहाॅक प्रमोशन की दिनांक से नियमित पदोन्नति सुनिश्चित की जावे।मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद जेल कर्मियों ने अपने वेतन संशोधन के आंदोलन को स्थगित कर दिया था । अतः वार्ता में लिए गए निर्णय की पालना सुनिश्चित की जावे, पेंशनरों को 75 और 80 वर्ष पर 10-10% पेंशन वृद्धि के स्थान पर 65, 70,75 व 80 वर्ष पर क्रमशः 5 – 5% पेंशन वृद्धि के आदेश जारी किए जावें।इस दौरान कुलदीप यादव, राजेंद्र प्रसाद शर्मा,भंवर सिंह धीरावत, उमेश शर्मा, विनोद कुमार सिद्धा, मदन सिंह राठौड़, राजेंद्र कुमार शर्मा, सर्वेश्वर शर्मा, सुरेश नारायण शर्मा, ओम प्रकाश चौधरी ,धर्मपाल चौहान, पुष्पेंद्र सिंह, महेश शर्मा, प्रहलादराय अग्रवाल, महेंद्र सिंह राजावत, कांति कुमार शर्मा, तेज प्रकाश चतुर्वेदी एवं छोटे लाल मीणा, राधेश्याम जी मेघवाल मोहनलाल शर्मा, विजय सिंह, अजीत सिंह शेखावत, नाथूसिंह गुर्जर, प्रेम सिंह, बहादुर सिंह राठौड़, राजेश पारीक, राम नरेश, गुलशन कुमार एवं प्रभू सिंह रावत आदि शामिल है

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