बाड़ी l जिले की पहचान चंबल नदी के स्वरूप को बनाएं रखने में अवैध खनन में लिप्त लोगों को समझाइश कर रोज़गार के अन्य विकल्प तलाशने हेतु प्रेरित करने के लिए जिला प्रशासन लगातार मुहिम चला रहा है। इसी क्रम में जिला कलक्टर अनिल कुमार अग्रवाल के निर्देशन में बाड़ी के सेवरपाली गाँव में खान एवं भू विज्ञान विभाग द्वारा जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद शीशराम यादव ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों की पालना में चंबल नदी के अवैध खनन में लिप्त व्यक्तियों तथा अवैध खनन से वन्य एवं जलीय जीवों पर पडने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करने हेतु शिविर में आमजन को संबोधित करते हुए अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि नदी क्षेत्र में अवैध खनन करना गंभीर अपराध है। सब मिलकर चंबल नदी क्षेत्र में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के जलीय जीवों, घड़ियालों, कछुओं को बचाने में अपना अहम योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा अवैध खनन कार्य को छोड़ वैकल्पिक रोजगार के अवसरों का लाभ उठाएं। चंबल में अवैध खनन घड़ियाल, मगरमच्छ, कछुआ और अन्य जलीय जीवों के लिए घातक है। घड़ियालों को बचाने के लिए अवैध खनन कार्य को छोड़ कर राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से रोजगार के नए विकल्प तलाश किए जा सकते हैं। इस दौरान उपखंड अधिकारी गिरधर सिंह ने कहा कि घड़ियाल और अन्य जलीय जीवों द्वारा चंबल नदी की रेत में अंडे सुरक्षित रखे जाते हैं। रेत का उत्खनन करते समय अंडों को क्षति होती है जिससे इन जलीय जीवों की प्रजाति पर संकट आ गया है। इसी प्रकार रेत उत्खनन कार्य चलता रहा तो इन जलीय जीवों की प्रजातियां विलुप्त हो जायेंगी। शिविर के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी , इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना, 1 रुपए किलो गेंहू, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना सहित अन्य फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी दी गई जिससे अवैध खनन में लिप्त व्यक्ति इस कार्य को छोड़ कर आजीविका हेतु अन्य नए कार्य कर सकते हैं। जागरूकता शिविर में स्नातक बेरोजगार युवाओं को बेरोजगार भत्ता के भुगतान एवं मुख्यमंत्री युवा संबल योजना की जानकारी देते हुए बताया कि 1 जनवरी 2022 से पुरुष आवेदकों को ₹4000 एवं महिला व दिव्यांग आवेदकों को ₹4500 दिये जाने का प्रावधान है। इसके लिए राजस्थान का मूल निवासी होना आवश्यक है। रोजगार कार्यालय में स्नातक योग्यता के साथ आवेदन करने की तिथि को या पूर्व से पंजीकृत हो, बेरोजगार हो एवं अध्यनरत नहीं हो। इसी प्रकार जिला उद्योग केंद्र द्वारा संचालित मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना एवं लघु सूक्ष्म उद्योग के लिए आवेदन कर लाभ उठा सकते हैं और अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकते हैं। अनुजा निगम द्वारा संचालित अनुसूचित जाति जनजाति के तहत भैंस पालन, बकरी पालन, किराना स्टोर एवं ट्रैक्टर ट्रॉली के लिए आवेदन कर लाभ ले सकते हैं और स्वयं का अपना रोजगार स्थापित कर सकते हैं। शिविर में एम ई मुकेश मंगल, जिला उद्योग केंद्र के मितुल गोयल सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
अनुराग बघेल ( पत्रकार )
धौलपुर राजस्थान
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