भामाशाहों के सहयोग अनाथ बेटियों का किया विवाह सम्पन्न
धौलपुर। मनुष्य जीवन की सार्थकता स्वयं से हटकर परोपकार के लिए सोचना और कार्य करना भी है। यह संदेश अगर फलों से लदे वृक्ष और फूलों से लटकती डालियां दे सकती हैं, तो फिर इंसान क्यों नहीं दे सकता है। कुछ इन्ही पंक्तियों को साकार किया है राज्य अवार्डी व्याख्याता बालिका विद्यालय धौलपुर भगवान सिंह मीना ने। उमरेह बाड़ी निवासी स्व. बिजेंद्र सिंह की पुत्री प्रियंका की शादी धौलपुर जिले में सुरारी गांव के मेघराज के साथ होना तय हुई। उमरेह गांव की प्रियंका को मां-बाप का प्यार और आशीर्वाद विवाह के समय कैसे मिलता जब उसने अपने माता पिता दोनों को खो दिया। गौरतलब है 2-3 वर्ष पहले ही उसके पिता बिजेंद्र सिंह का अकास्मिक दुर्घटना में एवं एक वर्ष पूर्व माता का देहांत हो गया। गरीबी में दिन गुजारने वाली प्रियंका को अपनी और अपने छोटे भाई बहनों की चिंता सताने लगी। मामा लालपति को हाथ पीले करने की चिंता थी, शादी तो तय हो गई पर पैसों का इंतजाम नहीं था। इसकी जानकारी व्याख्याता भगवान सिंह मीना को मिली, तो उन्होंने ना सिर्फ जरूरतमन्द बेटी के घर जाकर कन्यादान किया। बल्कि अन्य जरूरत का सामान भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपने मित्र शिक्षक सत्यपाल चाहर,बरगद मेन नरेंद्र यादव ,रविन्द्र वर्मा के सहयोग से प्रेरित अनाथ बेटी का विवाह मिशन से 1 लाख 42 हजार रुपये की राशि एकत्रित कर हर शादी का सामान उपलब्ध करवाकर उसे अहसास ही नहीं होने दिया कि उसके माता-पिता नहीं है। 22 अप्रैल को भी मलकपाड़ा बाड़ी निवासी अनाथ बेटी काजल माहौर का विवाह भी सम्पन्न करावाया। राज्य अवार्डी व्याख्याता भगवान सिंह मीना ने अनाथ बेटी के विवाह,कन्यादान की जिम्मेदारी लेते हुए सभी भामाशाहों से सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपील की एवं फोन कॉल करके अपने मित्रों और समाजसेवियों एवं अन्य से संपर्क किया ।आर्थिक विपन्नता की मार झेल रहे परिवार की पीड़ा जब व्याख्याता मीना ने सर्व समाज को सुनाई, तो सभी की मानवीय संवेदना जागृत हुई। व्याख्याता की इस मुहिम के बाद बढ़-चढ़ कर लोगों ने इस बच्ची की मदद के लिए सामग्री और आर्थिक सहायता राशि,वस्त्र यथा साड़ी आदि भेजी। राज्य अवार्डी व्याख्याता भगवान सिंह मीना ने बताया कि प्रियंका उमरेह एवं मलक पाड़ा बाड़ी निवासी काजल माहौर (कोली समाज) दोनों के माता-पिता नहीं है। उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर है। अतः उन्हें आर्थिक सम्बल की आवश्यकता महसूस करते हुए मित्रों सत्यपाल चाहर,नरेंद्र यादव,रविन्द्र वर्मा एवं विद्यालय स्टाफ के सदस्यों ने सहयोग कर दोनों अनाथ बेटियों की शादी करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने बताया कि इस मुहिम में लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। निवर्तमान अतिरिक्त जिला कलक्टर धौलपुर नरेद्र वर्मा को सोशल मीडिया के माध्यम से अपील का पता चला तो उन्होंने मदद की और भामाशाह दिलीप गोयल (बसेड़ी वाले) द्वारा 21 हजार रुपये की राशि शादी में खर्च हेतु दिलाई। आर्किटेक्ट गौरव पराशर धौलपुर ने भी 22 हजार 500 रुपये की राशि के फ्रीज,अलमारी व लिफाफा अनाथ बेटी प्रियंका को दिए।दोनों अनाथ बेटियों की लगन सेवानिवृत्त प्रयोगशाला सहायक तेज सिंह ने भरी। ईओ विजय प्रताप राठौड़ ने भी 5100 रुपये की राशि प्रदान की। इसके अलावा अन्य भामाशाहों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके लिए उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया है। उनका कहना है कि अनाथ बेटियों के लिए वह हमेशा इसी तरह मुहिम चलाते रहेंगे।
कन्यादान में दी ये सामग्री
सर्व समाज भामाशाह के सहयोग से शोशल मीडिया की मदद लेकर दोनों बेटियों के लिए लगभग 1 लाख 75 हजार रुपये की राशि व सामान जिनमें फ्रीज,कूलर,गद्दा, बेडशीट, कम्बल, आलमारी, कूलर, सिलाई मशीन,चांदी की बिछिया,पानी कैम्पर,मिक्सी सहित गर्म खाने का टिफिन एवं अन्य रसोई के बर्तन और गृहस्थी के कई सामान उपहार में दिए। उन्होंने सभी भामाशाहों का धन्यवाद ज्ञापित किया है। इस अवसर पर समाज के गणमान्य लोग एवं अनाथ बेटी के रिश्तेदारों सहित अन्य मौजूद रहे।

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