नवरात्रि पर कवि राज अनिल भारद्वाज की विषेश रचना
मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।
तेरी महिमा सबसे न्यारी तू ही करौली वारी।
नवरात्रि जब जब आती,
तेरी शिला मूर्ति बढ़ जाती,
भक्तों को दर्शन देने,
तू देहरी तक आ जाती।
मैया छोटी सी किवड़िया बंद न हो पाती तुम्हारी।
मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।
जितना भी जल चढ़ता है,
इक कुंड में समाता है,
ये इक बिलास्त भर का है,
जो कभी नहीं भरता है।
मैया हम तेरे पुजारी तू है कुलदेवी हमारी।
मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।
इस शिला रूप में माते,
तेरे नौ रूप समाते,
मनवान्छित फल तू देती,
जब करूं तेरे जगराते।
मैया छवि तेरी प्यारी तू ही राखे लाज हमारी।
मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।
गीतकार– अनिल भारद्वाज एडवोकेट उच्च न्यायालय ग्वालियर म.प्र.
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अनिल भारद्वाज एडवोकेट ग्वालियर
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त लोकप्रिय और लब्ध प्रतिष्ठित डीएलपी न्यूज़ टीवी पर मेरी रचना नवरात्रि का उत्कृष्ट , बेहतरीन और श्रेष्ठतम प्रसारण एवं साहित्यिक प्रकाशन किए जाने पर संपादक महोदय सतेन्द्र तिवारी जी एवं उनकी संपादन टीम का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद।