सर्दी का सितम
नींद खुल जाती है उठने ही नहीं देती है,
ठंड बिस्तर से निकलने ही नहीं देती है।
कभी सीने से लिपटती है कभी पैरों से,
ठंड अपने से दूर होने नहीं देती है।
द्वार पर पहरा लगा देती घने कोहरे का,
ठंड खिड़की से झांकने भी नहीं देती है।
जी में आता है कि देखें नजारा सुबहा का,
ठंड सूरज को निकलने ही नहीं देती है।
मुंह छिपा कर निकलते इसके सितम के मारे,
ठंड चेहरे नहारने ही नहीं देती है।
हाथ मुंह धो कर निकल आते हैं हम चुपके से,
ठंड मल-मल के नहाने ही नहीं देती है।
गीतकार अनिल भारद्वाज एडवोकेट उच्च न्यायालय, ग्वालियर
धौलपुर और आस-पास की खबरों के लिए जुड़े रहें DLP NewsTV के साथ। ताज़ा खबरें पाने के लिए हमें Instagram, Facebook, Twitter, और YouTube पर फॉलो करें।
WhatsApp पर तुरंत अपडेट के लिए हमारे ग्रुप से जुड़ें: यहां क्लिक करें।
- बाड़ी में पत्थर व्यापारी से 50 हजार की ठगी: एटीएम पिन बदलने के बहाने युवक ने किया फ्रॉड
- ससुराल में युवक ने खाया जहरीला पदार्थ, इलाज के दौरान मौत—पुलिस जांच में जुटी
- झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की मौत, इंजेक्शन लगते ही बिगड़ी हालत
- महाकुंभ स्नान के दौरान धौलपुर में लाखों की चोरी, बेटे-बहू को बनाया बंधक
- धौलपुर: दो गांवों में एक ही रात चार घरों में चोरी, लाखों के गहने-नकदी ले उड़े बदमाश

Leave a Reply