कवि सम्मेलन में कवियों ने कविता पाठ से शहीदों को किया नमन
तसीमों।शहीद छत्तर सिंह पंचम सिंह सेवा समिति तसीमों व ग्राम पंचायत तसीमों के संयुक्त तत्वाधान में उद्घटान की शाम को हुए राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में अतिथि के रूप में युवा नेता विवेक सिंह बौहरा, पूर्व प्रधान मीनाक्षी शर्मा, सैपऊ उपप्रधान दुष्यंत सिंह बघेल, पार्वती देवी, सरपंच नीलम परमार, निरोत्तम सिंह परमार रहे। अतिथियों को मेला कमेटी अध्यक्ष हरेंद्र सिंह परमार, उपाध्यक्ष रामनिवास शर्मा, कोषाध्यक्ष धर्मवीर सिंह कुशवाह, सचिव लोकेंद्र सिंह कंडेरा, व्यवस्थापक बंटी परमार, सोनू वाल्मीकि, रामवीर कुशवाह आदि ने अतिथियों का साफा व माला पहनाकर स्वागत किया।
जिसके बाद कवि सम्मेलन राजवीर सिंह क्रांति ने संयोजन में मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना की गई।जिसके बाद मंच पर झांसी से पधारे गीतकार विवेक बरसैयां ने महफ़िलों में रौनक है, उनके आने जाने से, फूल मुस्कुराते हैं, उनके मुस्कुराने से…, पेश किया।आगरा से पधारी कवियित्री निशा चौधरी ने रोशनी के घरों में अँधेरे मिले, धुंध का शाल ओढ़े सवेरे मिले।
वहीं सैपऊ से पधारे ओज कवि विवेक कुशवाह ने छत्तर व पंचम से वीर बलिदानियों के साथ समिति के हर व्यक्ति को प्रणाम है पेश कर खूब तालियां बटोरी।बही गीतकार कवि बाबूलाल सागर ने देश है महान मेरा, देश है महान, ऊँचा रहे तिरंगा इसकी ऊँची रहे शान पेश कर खूब वाहवाही बटोरी।आगरा के ओज कवि दीपक दिव्यांशु ने घनघोर आंधियों के साये में हरपल जलने वाले धर्म l, मौसम के विपरीत….। वहीं कार्यक्रम के संयोजक ओज कवि राजवीर सिंह क्रांति ने तुम्हारे प्यार का ऋण मां कभी चूक नहीं सकता…। बारां से हास्य कवि देवेंद्र वैष्णव ने टीवी पे चल रहा था, आधे कपड़ो मे गाना बेटे ने कहा दूसरा चैनल ही लगाना। राजू तू सोजा बेटे ये गरीब लड़की है। ज्यादा गरीब आये पापा, मुझको जगाना से सबको खूब हसाया।
गजलकार सोमेश परमार ने दर्द, दगा, अकेलापन बे बड़े काम की खुशम है अगर समय पर मिलती रहे तो आदमी स्वस्थ रहता है, ने खूब वाहवाही लूटी।भरतपुर से पधारे हास्य व व्यंग्यकार कवि सोमदत्त व्यास ने अपनी काव्य पाठ में हम कलम के रखवाले आजाद परिंदे है, हम तब भी जिन्दे थे. हम अभी जिन्दे है।पढ़ा। कवि आकाश परमार ने ये सच है हल्दीघाटी में राणा से अकबर हारा था से श्रोताओं को ताली बजाने को मजबूर कर दिया। राष्ट्रीय हास्य कवि अरविंद पोटा ने जिद पर अड़ी है मेरी पत्नी मांग करें मोबाइल की को पढ़कर सबको हंसकर ताली बजाने के मुरीद कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथि व सभी कवि शहीद स्मारक पहुंच कर मोमबत्ती जलाकर शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित कर नमन किया और अमर शहीदों के जयकारे लगाए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विवेक सिंह बौहरा ने कहा कि तसीमों के अमर शहीदों को नमन करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है ,मेला कमेटी ने मुझे बुलाया उसके लिए सभी का आभार एवं धन्यवाद।इस मौके पर सभी अतिथियों ने कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर सैकड़ों श्रोतागण मौजूद रहे।वहीं मेला कमेटी द्वारा सभी अतिथियों व कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
अनुराग बघेल ( पत्रकार )
धौलपुर राजस्थान
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