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अटल तुम्हारी जय हो

गुलाबी सर्दियों की गरमा-गरम यादें

अटल तुम्हारी जय हो

अजर अमर हे अटल तुम्हारी जय हो।

फूलों सी मुस्कान तुम्हारी जय हो।

भारत मां की शान तुम्हारी जय हो।

राष्ट्रभाषा की सुगंध से,तुमने दुनिया को महकाया।

परदेशी मंचों पर तुमने,हिंदी का परचम लहराया।

हिंदी के तूफान तुम्हारी जय हो।

अजर अमर हे अटल तुम्हारी जय हो।

भारत माता सोच रही है,तुम सा लाल कहां से लाए,

तुम जैसे अनमोल रतन को,फिर से भारत रत्न दिलाए।

राष्ट्रभक्ति के गान तुम्हारी जय हो।

अजर अमर हे अटल तुम्हारी जय हो।

कविताओं के नीलकमल थे,भारत मां के वरद पुत्र थे।

राजनीति के राजहंस थे,दुश्मन के भी परम मित्र थे।

रणनीतिज्ञ महान तुम्हारी जय हो

भारत मां की शान तुम्हारी जय हो।

गीतकारअनिल भारद्वाज एडवोकेट ग्वालियर

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