नन्हे फूलों को नई मुस्कान दें,बेसहारा बच्चो के फोस्टर माता-पिता बनिए
धौलपुर।बाल अधिकारिता विभाग द्वारा अनाथ, शोषित और बेसहारा बच्चे जो किसी कारण से परिवारिक माहौल से बिछुड़ कर बाल गृहो में रहने को मजबूर हैं, ऐसे बच्चों को परिवार आधारित देखभाल से जोड़ने के लिए व्यक्तिगत फोस्टर केयर दिशा निर्देश 2023 जारी किए है। विभाग की मंत्री ममता भूपेश और राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा ऐसे बच्चो और फोस्टर परिवारों के चिन्हीकरण के लिए वात्सल्य अभियान समूचे प्रदेश में प्रारम्भ किया है।
दत्तकग्रहण से भिन्न है फोस्टर केयर*
दत्तक ग्रहण एक स्थायी व्यवस्था है,जबकि फोस्टर केयर अस्थायी है, जिसे बच्चे की 18 वर्ष की आयु होने तक बढ़ाया जा सकता है। दत्तक बच्चे को जैविक बच्चे के समान परिवार की संपत्ति में अधिकार सहित सभी अधिकार और कर्तव्य मिलते हैं, जबकि फोस्टर केयर के मामले में ऐसा नही है। इस प्रकार यह कारा के माध्यम से या हिन्दू एडॉप्शन एंड मेंटिनेंस एक्ट के तहत दत्तक ग्रहण से भिन्न व्यवस्था, जिसका उद्देश्य बच्चे को पारिवारिक माहौल प्रदान करना है।
*ये बन सकते हैं फोस्टर माता-पिता
ऐसे माता पिता जो भारत के नागरिक हों और कम से कम 2 वर्ष से राजस्थान में निवासरत हो, उनके बीच कम से कम 2 वर्ष का स्थायी वैवाहिक संबंध हो, माता या पिता आयकर दाता (रिटर्न भरने वाले) हों, उनकी संयुक्त आयु 120 वर्ष से अधिक ना हो, उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड ना हो, वे एचआईवी, टीबी, हेपेटाइटिस बी इत्यादि से ग्रस्त ना हो, उनके पास बच्चे के पालन पोषण के लिए पर्याप्त स्थान हो, फोस्टर माता पिता बन सकते हैं। एकल व्यक्ति भी 35 वर्ष से अधिक एवं 65 वर्ष से कम आयु होने की दशा में फोस्टर अभिभावक बन सकता है, किंतु एकल पुरुष किसी लड़की को फोस्टर केयर में नही ले सकता।
यहां करें आवेदन –
इसके लिए इच्छुक माता पिता जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय,आरएसी के पास, बजरिया रोड धौलपुर में आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिये उक्त कार्यालय या दूरभाष नम्बर 8005926900, 9636908902 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
फोस्टर केयर को मिलेंगे 4000 रुपये प्रति बच्चा
वित्तीय प्रावधान
भाई बहिन की स्थिति के अतिरिक्त अधिकतम दो बच्चे फोस्टर केयर में एक परिवार को दिए जा सकते हैं। परिवार के फोस्टर केयर बच्चो और जैविक बच्चो की कुल संख्या 5 से अधिक नही होनी चाहिए। जिन परिवारों की वार्षिक आय आठ लाख रुपये से कम है, उन्हें 4000 रुपये प्रति बच्चा प्रति माह दिया जाएगा। बाल अधिकारिता विभाग द्वारा फोस्टर केयर के नए दिशानिर्देश जारी किए है, जिसमे प्रति बच्चा प्रति माह 4000 रुपये परिवार को दिए जाने का प्रावधान है। माननीय आयोग और विभाग के निर्देशानुसार 31 अगस्त तक ऐसे बच्चों और परिवारों के चिन्हीकरण का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कोई भी जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में संपर्क कर सकता है।
अनुराग बघेल ( पत्रकार )
धौलपुर राजस्थान
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