बाल विवाह कानूनन अपराध, इसे रोकने में आमजन करें सहयोग- सुनीता मीणा
धौलपुर। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) धौलपुर सुनीता मीणा द्वारा जागृति समिति धौलपुर के सहयोग से जिला चिकित्सालय के पास स्थित इन्दिरा रसोई नं. 123 परिसर में दिनांक 13 मई 2023 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत एवं बाल विवाह की रोकथाम हेतु विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के दौरान सचिव सुनीता मीणा द्वारा बताया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला प्रशासन धौलपुर द्वारा बाल विवाह की रोकथाम एवं जागरूकता हेतु जिले में ’’बाल विवाह को कहें ना’’ अभियान का संचालन किया जा रहा है। अभियान का मूल उद्धेश्य बाल विवाह जैसी कुप्रथा के बारे में जागरूकता फैलाना व बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रभावी व सफल क्रियान्वयन एवं बाल विवाह की रोकथाम हेतु ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला स्तर पर पुलिस एवं प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारीगण/कर्मचारीगण की टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसके माध्यम से संपूर्ण जिले में बाल विवाह के संबंध में निगरानी की जा रही है।उन्होनें बताया कि बाल विवाह से बच्चों के मूलभूत अधिकारों का हनन होता है। बाल विवाह के कारण बालक एवं बालिका दोनों का शारीरिक और मानसिक विकास रूक जाता है जिससे बच्चे बाल अधिकारों (जीवन जीने, विकास, सहभागिता, सुरक्षा इत्यादि) से वंचित रह जाते हैं तथा शारीरिक एवं मानसिक रूप से परिपक्व न होने व कम उम्र में बालिका के गर्भधारण करने से शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर जैसे गंभीर परिणाम देखे जा सकते हैं। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत जो भी व्यक्ति, व्यक्तिगत तथा सामूहिक रूप से बाल विवाह करायेगा या किसी भी रूप में शामिल होगा जैसे बाराती, घराती, रिश्तेदार, पंडित, हलवाई, टेन्ट लाईट, बैन्डबाजे, फोटोग्राफर व खाने वाले सभी कानून के दायरे में आयेंगे। बाल विवाह करने पर 2 साल की कैद या 1 लाख रूपये जुर्माना अथवा दोनों सजाओं का प्रावधान है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि 13 मई 2023 को संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें धौलपुर जिले के न्यायालयों में लंबित विभिन्न प्रकृति के क्रिमिनल कम्पाउण्डेबल, धारा 138 एन.आई. एक्ट, बैंक रिकवरी, एम.ए.सी.टी.,पारिवारिक,भूमि अधिग्रहण, बिजली,पानी,सर्विस, किराया अधिकरण इत्यादि से संबंधित राजीनामा योग्य मामलों के साथ-साथ प्री-लिटीगेशन के ऐसे मामलों को भी रखा जावेगा जो अभी तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुए है। उन्होंने आमजन को लोक अदालत के फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। शिविर के दौरान जागृति समिति के संरक्षक दयाकांत सक्सैना एवं राजकीय महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य बृजेश कुलश्रेष्ठ द्वारा बताया कि बाल विवाह के संबंध में संबंधित उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, पुलिस थाना, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं ताल्लुका विधिक सेवा समिति (न्यायालय परिसर बाडी/राजाखेडा) के कार्यालय में सूचना देकर बाल विवाह को रूकवाया सकता है, सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाता है। शिविर के दौरान सचिव सुनीता मीणा द्वारा इन्द्रा रसोई नं. 123 का अवलोकन किया एवं व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की।इस मौके पर महेन्द्र कांत सक्सैना, दर्शन सिंह परमार, बंटी परमार,मुुन्नी देवी,विशाल माहौर, मुकेश सक्सैना, मुन्ना खान,राजवती, पुष्पा, अनीता, फकीरा खान, जहूर खान, सहबी खान, युक्ता गौड इत्यादि मौजूद रहे।
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