गणतंत्र का त्योहार है छब्बीस जनवरी।नव वर्ष का उपहार है छब्बीस जनवरी।
गणतंत्र का त्योहार है छब्बीस जनवरी।नव वर्ष का उपहार है छब्बीस जनवरी। छब्बीस जनवरी गणतंत्र का त्योहार है छब्बीस जनवरी।नव वर्ष का उपहार है छब्बीस जनवरी। स्वाधीनता दिवस की सगी…
Read moreप्रिये नया साल बन आना
प्रिये नया साल बन आना सर्दियों में मेरे सीने से लिपट जातीं हैं,जब ठिठुरती हुई यादें तुम्हारी आतीं हैं,प्यार की गुनगुनी सी धूप संग ले आना,प्रिये तुम नया साल बन…
Read moreअटल तुम्हारी जय हो
अटल तुम्हारी जय हो अजर अमर हे अटल तुम्हारी जय हो। फूलों सी मुस्कान तुम्हारी जय हो। भारत मां की शान तुम्हारी जय हो। राष्ट्रभाषा की सुगंध से,तुमने दुनिया को…
Read moreगुलाबी सर्दियों की गरमा-गरम यादें
गुलाबी सर्दियों की गरमा-गरम यादें आता जब मौसम गुलाबी सर्दियों का।झूमने लगता है मौसम सर्दियों का। हर घड़ी ये तुमसे मिलने के बहाने,संवरने लगता है मौसम सर्दियों का लिपटतीं जब…
Read moreआओ दीप जलाएं
आओ दीप जलाएं जिसके घर की दिवाली से रूठा है उजियारा,उस शहीद के राष्ट्र प्रेम पर आओ दीप जलाएं। उसे दशहरा ढूंढ रहा था मन में पीर छुपा के,चला गया…
Read moreनारायणी नमोस्तुते
नारायणी नमोस्तुते नारी में दिव्य शक्ति का वरदान देखिये।जिस पर है सृष्टिकर्ता को अभिमान देखिये! जिन राक्षसों ने देवता परास्त कर दिये,नौ रूपों ने नारायणी के ध्वस्त कर दिये,दुर्गा,भवानी,भगवती,बृह्माणी, वैष्णवी,इन…
Read moreसर्वपित्री अमावस्या
सर्वपित्री अमावस्या पितृ पक्ष पितृ देवों के घर आने के दिन।जीवन में खुशहाली लाते ये पितरों के दिन। जल तर्पण है अर्पण तुमको,श्रद्धा सुमन चढ़ते तुमको,रुचिकर व्यंजन अर्पित तुमको,दो आशीष…
Read moreनवरात्रि पर कवि राज अनिल भारद्वाज की विषेश रचना
नवरात्रि पर कवि राज अनिल भारद्वाज की विषेश रचना मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।तेरी महिमा सबसे न्यारी तू ही करौली वारी। नवरात्रि जब जब आती,तेरी शिला मूर्ति बढ़…
Read moreराखी का त्यौहार – रेशम की डोरी सा लगता,भाई बहन का प्यार,आया राखी का त्यौहार।
राखी का त्यौहार – रेशम की डोरी सा लगता,भाई बहन का प्यार,आया राखी का त्यौहार। बहना रोली भाई चंदन,इक वर्षा ऋतु दूजा सावन। सूरज चंदा जैसा लगता,भाई बहन का प्यार,आया…
Read moreकांधे लगें हिंदुस्तान के
कांधे लगें हिंदुस्तान के कुर्बान हो मां भारती हम तुझ पै शान से,हर जन्म में कांधे लगें हिंदुस्तान के। छाती पर गोली खाई है मां पीठ पर नहीं,प्राणों को निछावर…
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