धौलपुर में बाल विवाह के खिलाफ बड़ी पहल: हस्ताक्षर अभियान से जागरूकता की नई शुरुआत
धौलपुर को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में व्यापक अभियान
धौलपुर जिले में मंजरी फाउंडेशन, जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (JRC) और बाल अधिकारिता विभाग के संयुक्त प्रयास से बाल विवाह मुक्त धौलपुर अभियान की शुरुआत हुई है। इस अभियान के तहत जिले में बाल विवाह की प्रथा के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को एसपी ऑफिस में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया।
बाल विवाह के खिलाफ सामूहिक लड़ाई की शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुमित मेहरडा ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा:
“बाल विवाह न केवल बच्चों के अधिकारों का हनन है, बल्कि यह उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह प्रथा बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मौलिक अवसरों से वंचित कर देती है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह प्रथा संविधान में वर्णित समानता और स्वतंत्रता जैसे मूलभूत अधिकारों के खिलाफ है। बाल विवाह से जुड़े सामाजिक और कानूनी पहलुओं पर बात करते हुए उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और समाज से इस कुप्रथा को समाप्त करें।
अभियान की विस्तृत रूपरेखा
जिला कलेक्टर श्रीनिधि बी टी ने अभियान के उद्देश्यों और महत्व पर जोर देते हुए बताया कि यह पहल बच्चों के सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य के लिए निर्णायक कदम है। उन्होंने कहा:
“महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया यह अभियान बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले और JRC की भूमिका ने इस अभियान को और मजबूती प्रदान की है।”
जिला कलेक्टर ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत राज्यों और अन्य हितधारकों के लिए बाल विवाह उन्मूलन की एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है।
हस्ताक्षर अभियान में प्रमुख सहभागिता
हस्ताक्षर अभियान के दौरान जिले के कई प्रमुख अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस मौके पर बाल अधिकारिता के सहायक निदेशक विश्वदेव पांडे, कनुप्रिया कौशिक, आशीष पाराशर, और रोहित सैगर ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई।
अभियान के दौरान उपस्थित सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने बाल विवाह के खिलाफ अपने हस्ताक्षर कर यह संकल्प लिया कि वे इस सामाजिक कुप्रथा को खत्म करने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
जागरूकता फैलाने के लिए विशेष कार्यक्रम
अभियान के तहत बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए जिले भर में रैलियों, नुक्कड़ नाटकों, कार्यशालाओं और सामुदायिक सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों के जरिए लोगों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
बाल विवाह के दुष्प्रभावों पर विशेषज्ञों की राय
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि बाल विवाह के कारण बच्चों को न केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बल्कि यह उनके मानसिक और शारीरिक विकास को भी बाधित करता है। इसके अलावा, यह उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों से भी वंचित कर देता है।
एसपी सुमित मेहरडा ने कहा:
“बाल विवाह बच्चों पर ऐसी जिम्मेदारियां डालता है, जिन्हें वे समझने या निभाने के लिए तैयार नहीं होते। यह हमारे समाज के लिए भी एक बड़ा संकट है।”
अभियान को लेकर जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इस अभियान से धौलपुर जिले में बाल विवाह के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा। लोगों ने आशा व्यक्त की कि यह अभियान बच्चों के अधिकारों को संरक्षित करने और समाज को जागरूक करने में प्रभावी साबित होगा।
निष्कर्ष
धौलपुर में हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने की यह पहल एक बड़ा कदम है। यह अभियान न केवल बाल विवाह जैसी कुप्रथा को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव भी रखेगा। जिले के नागरिकों और प्रशासन के इस संयुक्त प्रयास से धौलपुर को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।
धौलपुर में बाल विवाह के खिलाफ बड़ी पहल: हस्ताक्षर अभियान से जागरूकता की नई शुरुआत
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