विश्व हाथ स्वच्छता दिवस पर हाथ धुलाई गतिविधियों का आयोजन

विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को स्वच्छता एवं बेहतर स्वास्थ्य की आदतों को अपनाने के लिए संचालित स्कूल हेल्थ एंड वैलनेस कार्यक्रम के अंतर्गत विपरपुर स्कूल में हाथ स्वच्छता दिवस का आयोजन किया गया। इसमें बच्चों को उनके परिवारों एवं समुदाय में साबुन से हाथ धोने की आदतों के विकास को गतिविधि द्वारा समझाया गया।

हाथ धुलाई के पांच चरणों गीला करके साबुन लगाना, हथेलियों को आपस में रगड़ना, उंगलियों के बीच के स्थान में रगड़ना, नाखूनों को हथेली पर खुरचना, अंत में पानी से धोना बताते हुए हाथ धुलाई की कविता ‘सबसे पहले होता है हाथ गीला’ का बच्चों ने सस्वर वाचन किया।

संस्था प्रधान रमाकांत शर्मा ने बताया कि महिलाओं को बच्चों का मल साफ करने के बाद, शौच के बाद, भोजन बनाने से पहले, भोजन परोसने से पहले, भोजन करने से पूर्व, भोजन करने के पश्चात, पशुओं के मल निस्तारण के बाद, नाक साफ करने के बाद साबुन से हाथ धोना आवश्यक है।

इसे बच्चे अपने परिवार में जाकर बताएं। स्कूल हैल्थ प्रोग्राम के राज्यस्तरीय प्रशिक्षक अतुल चौहान ने साबुन से हाथ धोने को अतिसारीय और न्यूमोनिया की रोकथाम करने का सबसे असरदार और सस्ता तरीका बताया।

उन्होंने बताया कि हमारी 80% बीमारियां सुरक्षित पानी एवं स्वच्छता की कमी से जुड़ी हैं और बच्चे कुपोषण से पीड़ित होने तथा कृमी संक्रमण एवं अतिसार से स्कूलों में बच्चों के ठहराव में भी कमी आती है।

इसके लिए उन्होंने बाल संसद द्वारा आगामी सत्र में साबुन से हाथ धोने की जानकारी का अभियान विपरपुर परिक्षेत्र में चलाने की बात कही।