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जल संसाधन विभाग धौलपुर ने की राजस्थान मिशन 2030 पर सभा, हितधारकों ने दिये विभिन्न प्रगतिशील सुझाव

जल संसाधन विभाग धौलपुर ने की राजस्थान मिशन 2030 पर सभा, हितधारकों ने दिये विभिन्न प्रगतिशील सुझाव

जल संसाधन विभाग धौलपुर ने की राजस्थान मिशन 2030 पर सभा, हितधारकों ने दिये विभिन्न प्रगतिशील सुझाव

धौलपुर।जल संसाधन वृत्त धौलपुर एवं अधीनस्थ खण्डीय व उपखण्डीय कार्यालयों के संयुक्त तत्वावधान में राज्य सरकार के बहुआगामी एवं जनोपयोगी महत्वाकांक्षी विकसित राजस्थान विजन 2030 के परिपेक्ष्य में जिला स्तरीय परामर्श मिशन अभियान के अन्तर्गत मंगलवार को जिला स्तरीय परामर्श सभा का आयोजन जल संसाधन वृत धौलपुर के कार्यालय प्रागंण चौक में किया गया। उक्त सभा में समस्त विभागीय अधिकारी / कर्मचारियों, चिभिन्न जल उपभोक्ता संगम के अध्यक्ष, टी.सी. सदस्य, प्रबुद्ध एवं जागरूक किसान महिला एवं पुरुषों ने भाग लिया तथा विभिन्न संगठनों के व्यक्तियों ने भाग लिया। जल संसाधन विभाग के कार्मिकों द्वारा विस्तार से विचार रखे गए। सभा की अध्यक्षता दिनेश कुमार अग्रवाल अधीक्षण अभियन्ता जल संसाधन वृत धौलपुर द्वारा की गई। बिज्जेलाल शर्मा अधिशाषी अभियन्ता, जल संसाधन खण्ड धौलपुर एवं राजीव कुमार अग्रवाल अधिशाषी अभियन्ता जल संसाधन धौलपुर लिफ्ट खण्ड धौलपुर द्वारा भी विकसित राजस्थान विजन 2030पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। उक्त चर्चा के दौरान “विकसित राजस्थान विजन 2030” के परिदृश्य में राजस्थान राज्य किस रूप में चहुंमुखी विकास से लबरेज होकर कैसे परिलक्षित हों, को दृष्टिगत रखते हुए सभा में उपस्थित स्टेकहोल्डरस, प्रबुद्धजनों द्वारा विभिन्न विषयों पर विचार एवं महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सभा में चम्बल नदी पर लगभग 9 मीटर ऊँचाई की बैराज बनायी जाने तथा उससे किसानों को पानी देने हेतु जिले के बांधों को भरने सहित सिंचाई के लिये पानी उपलब्धता की व्यवस्था करने, निर्माणाधीन कालीतीर परियोजना से जिले में शेष रहे बांधों को भी जोड़ा जाने, जिले के समस्त बांधों के सम्पूर्ण कमान्ड एरिया को प्रेशर / स्प्रिंकलर सिंचाई में परिवर्तित किया जाने जिससे पानी के सम्पूर्ण सदुपयोग के साथ-साथ कमाण्ड एरिया में भी वृद्धि हो सके, समस्त नहरों का सम्पूर्ण तंत्र मय वाटर कोर्स पक्का किया जाने तथा साथ ही समस्त नहरों की सर्विस रोड को भी पक्का किया जाने, सिंचाई शुल्क की नियमित वसूली हेतु एक मोबाइल एप बनाया जाने, एनीकटों की ऊँचाई बढ़ाकर इनके भराव क्षेत्र में से नियमित रूप से सिल्ट क्लीयरेंस की व्यवस्था किये जाने समेत आवश्यक सुझाव प्रस्तुत किये।

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