चंबल नदी में घड़ियाल संरक्षण को बढ़ावा: देवरी केंद्र से 32 नए घड़ियाल छोड़े, कुल संख्या 2500 पार
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के देवरी घड़ियाल केंद्र से 32 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा गया, जिससे राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य में इनकी संख्या 2553 से अधिक हो गई। सरसैनी घाट पर छोड़े गए घड़ियालों में 30 नर और 2 मादा शामिल हैं।
सतत संरक्षण के प्रयास
साल 2022 बैच के 98 घड़ियालों में से अब तक 57 को नदी में छोड़ा गया है, जबकि शेष 41 को जल्द ही छोड़ा जाएगा। इन घड़ियालों को देवरी केंद्र में तीन वर्षों तक या 1.20 मीटर की लंबाई तक पहुंचने तक पाला गया था। छोड़ने से पहले, इनकी पूंछ पर टैग लगाकर गतिविधियों पर एक वर्ष तक निगरानी रखी जाएगी।
विलुप्तप्राय प्रजातियों की पुनर्स्थापना
घड़ियालों का संरक्षण 1975-77 की वैश्विक गणना के बाद शुरू हुआ, जब दुनिया में केवल 200 घड़ियाल बचे थे, जिनमें से 46 चंबल नदी में पाए गए थे। इसके बाद चंबल नदी के 435 किलोमीटर क्षेत्र को राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य घोषित किया गया।
घटनास्थल पर अधिकारी
घड़ियाल छोड़े जाने के दौरान राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य भिंड अधीक्षक भूरा गायकवाड़, उपमंडल अधिकारी मुरैना माधु सिंह, देवरी रेंजर रिंकी आर्य और घड़ियाल विशेषज्ञ ज्योति प्रसाद डंडौतिया सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
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