चंबल नदी में बढ़ी घड़ियालों की संख्या: देवरी सेंचुरी से 25 नए घड़ियाल शामिल, कुल संख्या 2481
चंबल नदी में जैव विविधता और जलीय जीव संरक्षण के प्रयासों के तहत 25 नए घड़ियालों को जैतपुर घाट पर छोड़ा गया। इन घड़ियालों में 4 नर और 21 मादा शामिल हैं, जो देवरी घड़ियाल केंद्र में हैचिंग से जन्मे थे। अब ये पूरी तरह से प्राकृतिक वास में रहने के लिए तैयार हो चुके हैं।
घड़ियाल संरक्षण का बड़ा कदम
डीएफओ सुजीत आर पाटिल के नेतृत्व में इन घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा गया। सभी घड़ियालों पर मॉनिटरिंग के लिए बैच टैग लगाए गए हैं। इस महत्वपूर्ण कदम के बाद चंबल नदी में घड़ियालों की कुल संख्या बढ़कर 2,481 हो गई है।
देवरी सेंचुरी की भूमिका
देवरी घड़ियाल केंद्र इस संरक्षण प्रयास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां 98 और घड़ियाल चंबल नदी में छोड़े जाने के लिए तैयार हैं। केंद्र के संरक्षण प्रयासों से घड़ियालों की प्रजाति को नए सिरे से जीवन मिल रहा है।
चंबल नदी की समृद्ध जैव विविधता
चंबल नदी न केवल घड़ियालों का घर है, बल्कि यहां 878 मगरमच्छ और 111 गंगा डॉल्फिन भी पाई जाती हैं। इन जीवों का संरक्षण चंबल नदी की पारिस्थितिकी को संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाता है।
संरक्षण कार्यक्रम का महत्व
यह कार्यक्रम धौलपुर और मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की सीमा में बहने वाली चंबल नदी में जलीय जीवों के संरक्षण का हिस्सा है। घड़ियालों का प्राकृतिक वास में लौटना न केवल उनकी प्रजाति के लिए मददगार होगा, बल्कि नदी की पारिस्थितिकी को भी मजबूत बनाएगा।
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