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जिला एवं सेशन न्यायाधीश सतीश चंद ने किया जिला कारागृह निरीक्षण: बंदियों को बेहतर सुविधाएं और विधिक सहायता का आश्वासन

जिला एवं सेशन न्यायाधीश सतीश चंद ने किया जिला कारागृह निरीक्षण बंदियों को बेहतर सुविधाएं और विधिक सहायता का आश्वासन

जिला एवं सेशन न्यायाधीश सतीश चंद ने किया जिला कारागृह निरीक्षण: बंदियों को बेहतर सुविधाएं और विधिक सहायता का आश्वासन

धौलपुर में कारागृह व्यवस्थाओं का गहन मूल्यांकन

धौलपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) नई दिल्ली और राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला एवं सेशन न्यायाधीश सतीश चंद ने जिला कारागृह धौलपुर का निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य बंदियों को उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं और विधिक सहायता व्यवस्था का आकलन करना था।


निरीक्षण के दौरान उठाए गए महत्वपूर्ण कदम

1. जेल लीगल एड क्लिनिक का निरीक्षण

  • न्यायाधीश ने जेल लीगल एड क्लिनिक के कामकाज और NALSA द्वारा जारी एसओपी के अनुपालन की स्थिति की जांच की।
  • उन्होंने निर्धन और नाबालिग बंदियों के लिए न्यायिक प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए निर्देश दिए।

2. बंदियों से सीधा संवाद

  • न्यायाधीश ने बंदियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनके मामलों की स्थिति और उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी ली।
  • महिला बैरक में जाकर महिला बंदियों की समस्याओं को सुना और उनके प्रकरणों का जायजा लिया।

3. मूलभूत सुविधाओं का आकलन

  • भोजन और स्वास्थ्य: जेल रसोईघर में जाकर भोजन की गुणवत्ता का निरीक्षण किया और स्वच्छता पर जोर दिया।
  • सफाई और स्वच्छता: बैरकों और अन्य क्षेत्रों की सफाई व्यवस्था का भी गहन अध्ययन किया।

4. विधिक सहायता की जागरूकता

  • न्यायाधीश ने बंदियों को बताया कि अगर किसी बंदी के पास अपना अधिवक्ता नहीं है, तो वे जेल अधीक्षक या न्यायालय के माध्यम से विधिक सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • सजायाफ्ता बंदियों को उनके अपील के अधिकारों और निःशुल्क विधिक सहायता के प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी गई।

विधिक सहायता पर विशेष ध्यान

निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश ने जेल क्लिनिक पर कार्यरत पैरा लीगल वॉलंटियर्स (PLVs) और जेल विजिटिंग लॉयर्स को निर्देश दिया कि वे बंदियों की विधिक समस्याओं को प्राथमिकता से समझें और उनके मामलों को प्राधिकरण तक पहुंचाएं।

  • विचाराधीन बंदियों के लिए अधिवक्ता: ऐसे बंदियों को निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
  • सजा के खिलाफ अपील: जिन सजायाफ्ता बंदियों ने अपील दायर नहीं की है, उन्हें अपील का अधिकार दिलाने के लिए मदद की जाएगी।

समन्वय और सहभागिता

इस निरीक्षण में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल प्रशासन के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

  • प्रमुख अधिकारी:
    • सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) रेखा यादव
    • प्राधिकरण के सुरेन्द्र सिंह और राहुल डंडौतिया
    • जेलर शैलेन्द्र और अन्य अधिकारी

निरीक्षण के निहितार्थ

इस निरीक्षण ने यह सुनिश्चित किया कि जेल प्रशासन बंदियों को न्याय और सुविधाएं प्रदान करने में पूरी तत्परता से कार्यरत है।

  • संवेदनशीलता और सहानुभूति: बंदियों के प्रति न्यायाधीश की व्यक्तिगत भागीदारी ने यह संदेश दिया कि हर व्यक्ति को न्यायिक प्रणाली से समान अवसर और सहायता का अधिकार है।
  • भविष्य की योजनाएं: जिला कारागृह की व्यवस्थाओं को और अधिक सुधारने के लिए यह निरीक्षण मील का पत्थर साबित होगा।

न्यायिक प्रणाली की भूमिका

इस प्रकार के निरीक्षण यह साबित करते हैं कि न्यायिक और विधिक संस्थाएं न केवल बंदियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि उनके पुनर्वास और न्याय तक पहुंच को भी प्राथमिकता देती हैं।
धौलपुर जिला कारागृह में यह निरीक्षण विधिक और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है

जिला एवं सेशन न्यायाधीश सतीश चंद ने किया जिला कारागृह निरीक्षण: बंदियों को बेहतर सुविधाएं और विधिक सहायता का आश्वासन

प्रस्तुति:
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